भारत ने अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया, जानिए कैसे यह लगभग पूरे एशिया पर हमला कर सकती है
यह परीक्षण ऑपरेशन सिंदूर के लगभग साढ़े तीन महीने बाद और पिछले साल मार्च में अग्नि-5 के पिछले परीक्षण के बाद हुआ है।

बेंगलुरू। भारत ने अग्नि-5 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जो एक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) है जो 5,000 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्यों पर प्रहार करने में सक्षम है, जिससे देश की सामरिक सैन्य शक्ति का प्रदर्शन हुआ।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह परीक्षण सामरिक बल कमान की निगरानी में ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से किया गया और सभी परिचालन एवं तकनीकी मानकों की पुष्टि की गई।
अग्नि-5 उत्तरी चीन सहित लगभग पूरे एशियाई महाद्वीप और यूरोप के कुछ हिस्सों को कवर कर सकती है, जिससे यह भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता का एक प्रमुख घटक बन जाती है, पीटीआई ने बताया।
यह परीक्षण पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष के लगभग साढ़े तीन महीने बाद और पिछले साल मार्च में अग्नि-5 के पिछले परीक्षण के बाद हुआ है।
भारत के मिसाइल कार्यक्रम में अग्नि श्रृंखला की अग्नि-1 से लेकर अग्नि-4 तक की मिसाइलें भी शामिल हैं, जिनकी मारक क्षमता 700 किलोमीटर से 3,500 किलोमीटर के बीच है और ये सभी मिसाइलें पहले से ही तैनात हैं।
हाल ही में किए गए अन्य परीक्षणों में पृथ्वी-2 और अग्नि-1, दोनों परमाणु-सक्षम कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें, और नव-विकसित सामरिक मिसाइल प्रलय शामिल हैं।
पृथ्वी-2 की मारक क्षमता 500 किलोग्राम तक के पेलोड के साथ 350 किलोमीटर है, जबकि अग्नि-1 1,000 किलोग्राम पेलोड के साथ 700-900 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। प्रलय एक कम दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है जो 500-1,000 किलोग्राम वजन वाले पारंपरिक आयुध ले जाने में सक्षम है।
अग्नि-5 और मिसाइल परीक्षणों की मुख्य विशेषताएँ
- प्रकार: मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM)
- रेंज: 5,000 किमी तक
- लॉन्च प्लेटफ़ॉर्म: मोबाइल लॉन्चर और एकीकृत परीक्षण रेंज
- पेलोड: परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम
- सटीकता: उन्नत मार्गदर्शन प्रणालियों के साथ उच्च परिशुद्धता
- कवरेज: उत्तरी चीन और यूरोप के कुछ हिस्सों सहित लगभग संपूर्ण एशिया
- प्रणोदन: बढ़ी हुई गतिशीलता और तत्परता के लिए तीन-चरणीय ठोस-ईंधन रॉकेट
- रणनीतिक भूमिका: भारत के परमाणु प्रतिरोध का प्रमुख घटक