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Online Gaming Bill 2025: संसद की मंजूरी के बाद किन भारतीय ऐप्स पर असर पड़ने की संभावना है?

ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 बुधवार को लोकसभा में बिना किसी बहस के पारित हो गया।

नई दिल्ली। ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025, बुधवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा द्वारा पारित कर दिया गया। इस विधेयक का उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स और कैज़ुअल गेमिंग को बढ़ावा देना है, लेकिन लत, वित्तीय नुकसान और सुरक्षा खतरों की चिंताओं के चलते असली पैसे वाले गेमिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा प्रस्तुत, ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 बिना किसी बहस के पारित हो गया, क्योंकि विपक्षी सदस्यों ने चुनाव आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर चर्चा की मांग करते हुए नारे लगाए।

संसद के दोनों सदनों द्वारा विधेयक पारित होने के बाद, ऑनलाइन मनी गेमिंग की पेशकश या सुविधा प्रदान करने पर 3 साल तक की कैद और या ₹1 करोड़ तक का जुर्माना हो सकता है।

यह विधेयक ऑनलाइन मनी गेम्स से संबंधित विज्ञापनों पर भी प्रतिबंध लगाता है और बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों को ऐसे किसी भी गेम के लिए धन हस्तांतरित करने से रोकता है।

सरकार ने यह कानून अभी क्यों लाया?
अश्विनी वैष्णव ने सांसदों से कहा, “लोग ऑनलाइन मनी गेमिंग में अपनी जीवन भर की जमा-पूंजी गँवा देते हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार ऑनलाइन मनी गेमिंग की लत और उससे होने वाले आर्थिक नुकसान को कम करना चाहती है, लेकिन ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देगी।

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऐसे कई प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद को वित्तपोषित करने और आतंकवादी संगठनों द्वारा संदेश भेजने के लिए किया जाता रहा है।

मंत्री ने यह भी कहा कि विदेशों से संचालित होने वाले “बहुत सारे” ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवा प्रदाता राज्य-विशिष्ट नियमों को दरकिनार करते हैं, कराधान से बचते हैं और सीमा पार की चिंताओं के कारण कानून प्रवर्तन अधिकारियों के लिए भी चुनौतियाँ खड़ी करते हैं।

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