ट्रम्प के टैरिफ पर जयशंकर- रूसी तेल खरीद पर भारत के साथ कभी चर्चा नहीं हुई
ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया है।

नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि ट्रंप की घोषणा से पहले भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने के मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई थी। इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फ़ोरम 2025 में बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ज़्यादातर मामलों में अपनी विदेश नीति का संचालन बहुत ही सार्वजनिक रूप से करते हैं।
जयशंकर ने कहा, “हमारे पास ऐसा कोई अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं है जिसने विदेश नीति का संचालन वर्तमान राष्ट्रपति जितना सार्वजनिक रूप से किया हो। यह अपने आप में एक बदलाव है जो केवल भारत तक ही सीमित नहीं है।”
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि ऐसा कोई अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं हुआ है जो अपने घरेलू मामलों का संचालन ट्रंप की तरह सार्वजनिक रूप से करता हो।
उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप का दुनिया के साथ, यहाँ तक कि अपने देश के साथ भी व्यवहार करने का तरीका, पारंपरिक रूढ़िवादी तरीके से बहुत अलग है।”
ट्रंप के टैरिफ पर बोलते हुए, विदेश मंत्री ने कहा कि व्यापार और गैर-व्यापारिक मामलों में ट्रंप द्वारा टैरिफ का इस्तेमाल एक नया तरीका है।
टैरिफ विवाद पर बोलते हुए, विदेश मंत्री ने आगे कहा कि ट्रंप प्रशासन की ओर से पहली घोषणा अक्सर सार्वजनिक रूप से की जाती है, और फिर संबंधित पक्ष के सामने।
जयशंकर ने कहा, “यह बात सच है कि इनमें से बहुत कुछ सार्वजनिक रूप से कहा जाता है। अक्सर, सार्वजनिक रूप से पहली घोषणा और भी असामान्य होती है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसका सामना पूरी दुनिया कर रही है।”
विदेश मंत्री ने ट्रंप और भारत के संदर्भ में तीन मुद्दों पर प्रकाश डाला, जिनमें से पहला व्यापार है।
जयशंकर ने कहा, “कुछ लाल रेखाएँ हैं जिनका बचाव किया जाना ज़रूरी है।” उन्होंने आगे कहा कि ये लाल रेखाएँ देश के राष्ट्रीय हित और किसानों, छोटे उत्पादकों के हित हैं।
दूसरा मुद्दा तेल के मुद्दे के रूप में “प्रस्तुत” किया जा रहा है। विदेश मंत्री के अनुसार, ‘भारत को निशाना बनाने के लिए जिन तर्कों का इस्तेमाल किया जा रहा है, वे सबसे बड़े तेल आयातक – चीन और सबसे बड़े एलएंडजी आयातक, यूरोपीय संघ पर लागू नहीं किए गए हैं।’