महाबली और वामन अवतार, ओणम पर्व का कल अंतिम दिन

भोपाल। ओणम केरल का एक प्रमुख त्योहार है, जो 10 दिनों तक चलता है। इस वर्ष यह 26 अगस्त से प्रारंभ है और 5 सितंबर को इसका समापन होगा। त्योहार भगवान विष्णु के वामन अवतार और राजा महाबली के पृथ्वी पर वापस आने की याद में मनाया जाता है। ओणम का उत्सव चिंगम मास में होता है, जो आमतौर पर अगस्त से सितंबर के बीच पड़ता है।
ओणम का महत्व
ओणम केरल की सांस्कृतिक और परंपरागत विरासत का प्रतीक है, जिसमें सामाजिक समरसता, सहयोगिता और प्रेम का महत्व है। यह त्योहार फसल कटाई के मौसम की शुरुआत का जश्न मनाने के लिए भी मनाया जाता है।
ओणम कैसे मनाया जाता है? ओणम के दौरान कई परंपराएं और रीति-रिवाज होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- पूकलम: घर के बाहर फूलों की पंखुड़ियों से रंगोली बनाना
- ओणम सद्या: पारंपरिक दावत जिसमें 24 से अधिक व्यंजन होते हैं
- नृत्य और खेल: पारंपरिक नृत्य और खेल जैसे कि वलम काली और पुलिक्कलान
- उपहार: एक-दूसरे को उपहार देना और खुशियां मनाना
ओणम की कहानी
ओणम की कहानी राजा महाबली के बारे में है, जिन्होंने भगवान विष्णु के वामन अवतार से तीन कदम भूमि का दान मांगा था। भगवान विष्णु ने अपने तीन कदमों से तीनों लोकों को नाप लिया और महाबली को पाताल लोक में भेज दिया। हालांकि, महाबली को वर्ष में एक बार पृथ्वी पर आने की अनुमति दी गई थी, जो ओणम के रूप में मनाया जाता है।