मध्यप्रदेश

रीवा के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बड़ी लापरवाही:खिसका बेस पिलर,मरीजों की खतरे में जान

भोपाल। रीवा का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, जिसे करोड़ों रुपये की लागत से आधुनिक सुविधाओं के साथ बनाया गया था, आज अपनी खराब हालत के कारण सुर्खियों में है। हाल ही में, इस अस्पताल की फॉल सीलिंग दो बार गिर चुकी है, और अब इसके बेस का एक मजबूत पिलर भी अपनी जगह से खिसक गया है, जिसमें बड़ी दरारें आ गई हैं। इन घटनाओं ने अस्पताल की निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और मरीजों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।

निर्माण में भ्रष्टाचार की बू

अस्पताल की फॉल सीलिंग गिरने की घटना को पहले मामूली तकनीकी खराबी बताया गया था, लेकिन अब पिलर का खिसकना यह साबित करता है कि यह सिर्फ कोई छोटी-मोटी समस्या नहीं थी, बल्कि यह लापरवाही और संभावित भ्रष्टाचार का नतीजा है। स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इसकी मरम्मत और संरचनात्मक जांच नहीं की गई, तो यह पूरा ढांचा कभी भी गिर सकता है, जिससे बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
यह वही अस्पताल है जहाँ रीवा और आसपास के जिलों से हृदय रोग सहित कई गंभीर बीमारियों के मरीज इलाज के लिए आते हैं। जिसको प्रदेश के मुखिया एवं रीवा के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य चिकित्सा मंत्री राजेंद्र शुक्ला अपने बयानों में और भाषणों में वहवही लूटते हैं अधिवक्ता बीके माला ने इस निर्माण में बड़ी खामियों पर सवाल उठाते हुए इसे ‘आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के केंद्र’ के वादे पर एक बड़ा धोखा बताया है।

अस्पताल के अधीक्षक अक्षय श्रीवास्तव ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अस्पताल का रखरखाव पीडब्ल्यूडी विभाग के तहत आता है और वे इसकी जांच करेंगे। हालाँकि, यह बयान जिम्मेदारी से बचने जैसा लग रहा है, क्योंकि अब सवाल सिर्फ मरम्मत का नहीं, बल्कि उन लोगों पर कार्रवाई का है जिन्होंने मरीजों की जान जोखिम में डाली है। इस पूरे मामले की गहन जांच होनी चाहिए ताकि करोड़ों के भ्रष्टाचार का खेल सबके सामने आ सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button