Dussehra: हर जगह देखने नहीं मिलता चौथा पुतला, जानिए कौन थे मेघनाथ पुत्र अक्षय कुमार…

भोपाल। दशहरा (Dussehra) पर्व पर मुख्यत: रावण के साथ उसके भाई कुंभकरण और पुत्र मेघनाथ के पुतले का दहन होता है। परंपरागत रूप से यह बहुत पुरानी परंपरा है और इसे युगों से निभाया जा रहा है। इसे असत्य पर सत्य और पाप पर पुण्य की जीत का प्रतीक के रूप में में माना जाता है, लेकिन इन सभी से इतर हर जगह तीन पुतलों का दहन होता है, लेकिन कुछ ही स्थानों पर मेघनाथ पुत्र अक्षय कुमार के पुतले का भी दहन किया जाता है। क्योंकि अक्षय कुमार का पुतला हर जगह देखने नहीं मिलता तो कई बार चौथे पुतले को देखकर भ्रम की स्थिति उत्पनन हो जाती है।
कौन थे अक्षय कुमार ?
मेघनाट पुत्र अक्षय कुमार, राजा रावण के पोते और मेघनाथ (इंद्रजीत) के पुत्र थे। अक्षय कुमार का उल्लेख मुख्यतः उस प्रसंग में आता है जब हनुमान जी रावण की लंका में सीता माता की खोज में जाते हैं। जब हनुमान लंका में प्रवेश करते हैं और अशोक वाटिका में सीता माता से भेंट करते हैं, तो लंका में अफरा-तफरी मच जाती है। हनुमान कई राक्षसों को पराजित कर देते हैं। रावण, अपने वीर पुत्रों और योद्धाओं को हनुमान को पकड़ने भेजता है। इसी क्रम में मेघनाथ का पुत्र अक्षय कुमार हनुमान से युद्ध करने आता है।
अक्षय कुमार एक बहुत ही युवा, पराक्रमी और वीर योद्धा था। उसने हनुमान के साथ भीषण युद्ध किया और वीरता से लड़ा। परंतु, हनुमान जी की शक्ति और पराक्रम के सामने वह टिक नहीं पाया। अंततः हनुमान जी ने उसे मार डाला।
अक्षय कुमार की मृत्यु ने रावण और उसके परिवार को गहरा आघात पहुंचाया। इसके बाद रावण ने अपने सबसे शक्तिशाली पुत्र मेघनाथ (इंद्रजीत) को युद्ध में भेजा, जिसने हनुमान को नागपाश से बांध कर रावण के दरबार में लाया।



