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Nepal विरोध प्रदर्शन: प्रधानमंत्री केपी ओली ने दिया इस्तीफा, भारत-नेपाल सीमा पर अलर्ट

नई दिल्ली। नेपाल में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के कुछ ही घंटों बाद, मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कर्फ्यू और अन्य प्रतिबंधों के बावजूद विरोध प्रदर्शनों की यह नई लहर जारी रही। प्रदर्शनकारियों ने ललितपुर के खुमालतार स्थित प्रधानमंत्री ओली, नेपाल के राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के आवास में तोड़फोड़ की और काठमांडू के बुधनीलकांठा स्थित पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के घर के सामने प्रदर्शन किया।

प्रशासन ने राजधानी में प्रतिबंध फिर से लागू करके तुरंत प्रतिक्रिया दी। काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय ने नेपाली राजधानी के रिंग रोड क्षेत्र में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया।

प्रदर्शनकारियों ने नेपाल संसद के पास और कलंकी सहित अन्य स्थानों पर प्रमुख सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। वे नारे लगाते और पुलिस से भिड़ते देखे गए। काठमांडू में हिंसक झड़पों के दृश्य।

नेपाली लोग विरोध प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?
यह अशांति इंटरनेट प्रतिबंधों, जिसमें विवादास्पद सोशल मीडिया ब्लैकआउट भी शामिल है, पर जनता के आक्रोश के कारण शुरू हुई। वे इसे सरकार का तानाशाही रवैया मानते हैं और कहते हैं कि जब तक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इस्तीफ़ा नहीं दे देते, तब तक यह प्रतिबंध नहीं हटेगा।

सोमवार देर रात कैबिनेट की एक आपात बैठक के बाद सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध हटाने का निर्णय लिया गया। यह प्रतिबंध पिछले हफ़्ते उन साइटों पर लगाया गया था जो नेपाल के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में पंजीकरण की समय-सीमा का पालन नहीं कर रही थीं।

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सोमवार की देर शाम इस संबंध में स्टेटमेंट इश्यू किया था। जिसमें कहा कहा था कि वॉयलेंस वाले स्थानों पर सोशल मीडिया बेन रहेगी, उन्होंने इसके लिए कई समूहों को जिम्मेदार ठहराया था।

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