इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी, कहा- सर्वोच्च न्यायलय भी इस पर पुनर्विचार करे
HC ने कहा, अपराध की तैयारी और अपराध करने के वास्तविक प्रयास के बीच एक अंतर

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर टिप्पणी करते हुए समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “मैं इस फैसले का समर्थन नहीं करती हूं और सर्वोच्च न्यायालय को भी इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए क्योंकि इसका नागरिक समाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।”
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा था कि स्तनों को पकड़ना और ‘पजामा’ की डोरी तोड़ना बलात्कार का अपराध नहीं है, हालांकि इससे किसी भी महिला के खिलाफ हमला करने या उसे निर्वस्त्र करने या उसे नग्न होने के लिए मजबूर करने के इरादे से आपराधिक बल का प्रयोग करने का आरोप लग सकता है।
अभियोजन पक्ष साबित करे
न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की पीठ ने कहा कि अपराध की तैयारी और अपराध करने के वास्तविक प्रयास के बीच एक अंतर होता है।
उन्होंने कहा, “आरोपी पवन और आकाश के खिलाफ लगाए गए आरोप और मामले के तथ्य इस मामले में बलात्कार के प्रयास का अपराध नहीं बनाते। बलात्कार के प्रयास का आरोप लगाने के लिए अभियोजन पक्ष को यह साबित करना होगा कि यह तैयारी के चरण से आगे निकल गया था।”