पर्यटन

गौहर महल : गजब की है भोपाल के इस महल की नक्काशी, बेगम ने दरवाज़े पर लगवाने के लिए बेलिज्यम से मंगवाया था कांच…

भोपाल।भोपाल, नवाबों का शहर, यहां कई नवाबों ने शासन किया पुरुषों के साथ कई सालों तक यहां महिला नवाबों ने भी राज्य किया है। उनमें से ही एक थी। कुदसिया बेगम जिनका नाम गौहर भी था। जिन्होंने भोपाल में गौहर महल बनवाया था। यह इतना खूब सूरत था जिसकी खूबसूरती की ख्यति चारों तरफ आज भी फैली हुई है। अब यह एक पर्यटक स्थल है। इसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं।

आज कल भोपाल का गौहर महल शूटिंग के लिए भोपालियों के साथ ही बाहर से आए लोगों की भी सबसे पसंदीदा जगह बन गया है। गौहर महल में शूटिंग को लेकर लोगों के अंदर क्रेज बढ़ रहा है। प्री वेडिंग शूट से लेकर फिल्मों, वेबसीरीज और टीवी सीरियल्स की शूटिंग यहाँ होती ही रहती है। इस महल से तालाब का एक अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है।

महल का इतिहास
बेगम गौहर के द्वारा इस महल को 1820 में बनाया गया था। यह महल वास्तु कला का एक जीता जागता उदाहरण है। यह महल भोपाल के VIP रोड़ पर बना हुआ है। यह लगभग साढे चार एकड़ में फैला हुआ है। इस महल में तीन आंगन बनाए गए थे। पहले आँगन को दीवान -ए -आम के नाम से पुकारा जाता था। यहां आम जनता की बातों को सुनकर उनकी परेशानी को हल किया जाता था। जिसके वही इस महल का दूसरा आंगन जिसे दीवाने-ए-खास के नाम से पुकारा जाता था। इस आंगन में सिर्फ खास लोग को ही आने की परमिशन थी। और बात करें इसके तीसरे आंगन की तो यह बहुत सामान्य
था।

महल के दरवाजों में लगाने बेल्जियम से मंगवाए थे कांच
गौहर महल अद्भुत कला का नमूना है। इस महल के कमरे में अभ्रक धातु का इस्तेमाल कर रात के समय दियों की के प्रकाश से एक अद्भुत तरीके से प्रकाश करने की कला भी थी। इस महल के दरवाजों पर बेल्जियम से कांच मंगवाए गए थे। वहीं बेगम का कमरा इतना खास तरीके से डिजाइन किया गया था। कि रात के समय उनके कमरे से एक अगल ही रोशनी चमकती थी।

महल की गुप्त गुफा

कहा जाता है, इस महल में एक खुफिया गुफा थी। जो कि इस गुफा के द्वारा रायसेन के किले में पहुंच सकते थे। यह गुफा 45 किलोमीटर दूर थी।

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