November 22, 2024

Mukhyamantri Teerth Darshan Yojana: बुजुर्गो को MP के तीर्थ स्थल भी दिखाएं जायेंगे: CM डॉ. मोहन यादव

MukhyaMantri Teerth Darshan Yojana

युवाओं को प्रदेश की पुरा-संपदा और प्रसिद्ध स्थानों से करवाएं परिचित
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के क्रियान्वयन की हुई समीक्षा

Mukhyamantri Teerth Darshan Yojana : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को देश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों के साथ ही मध्यप्रदेश स्थित प्रमुख धार्मिक स्थलों के भ्रमण करवाये जाने को दृष्टिगत रखते हुए योजना का विस्तार किया जाए। इसके लिए धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग आवश्यक अध्ययन कर कार्य-योजना तैयार करे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा‍ कि प्रदेश के स्थानों की यात्रा से जहां बुजुर्ग यात्रियों को अपने ही प्रदेश के प्रसिद्ध स्थान देखने और देव दर्शन का अवसर मिलेगा वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था की दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण होगा। प्रदेश की भौगोलिक रचना के कारण नागरिक अनेक तीर्थ स्थान देख नहीं पाते और अपने ही प्रदेश की विशेषताओं से अनजान रहते हैं।

Mukhyamantri Teerth Darshan Yojana मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के क्रियान्वयन संबंधी मंत्रालय में हुई बैठक में कहा कि युवा वर्ग को भी प्रदेश की पुरा-संपदा और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों से परिचित करवाने के लिए अन्य विभाग भी पहल करें। ज्ञान-विज्ञान के केंद्रों, ऐतिहासिक महत्व के स्थानों, प्राकृतिक सुंदरता के स्थानों और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों तक युवाओं को ले जाने से उनके ज्ञान में वृद्धि होगी। जनजातीय विकास विभाग द्वारा प्रत्येक जिले से मेरिट एवं अन्य आधार पर विद्यार्थियों का चयन कर उन्हें प्रदेश के महत्वपूर्ण स्थानों का भ्रमण करवाया जाए। धार्मिक न्यास,धर्मस्व मंत्री श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी बैठक में वर्चुअली शामिल हुए। बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री संजय कुमार शुक्ला एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

Mukhyamantri Teerth Darshan Yojana जनजातीय कलाकारों की सांस्कृतिक यात्रा भी करें आयोजित

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय बहुल क्षेत्रों में अनेक लोक गायक, संगीतकार और कलाकार निवास करते हैं। इन्हें प्रदेश के विभिन्न स्थानों के भ्रमण के लिए आमंत्रित किया जाए। वे मंचीय प्रस्तुति के लिये अपनी यात्रा, पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ करें। विभिन्न देव स्थानों के भ्रमण का लाभ भी उन्हें मिलेगा। ऐसे स्थानों पर आने वाले देश- विदेश के पर्यटकों और श्रद्धालुओं तक कलाकारो की कला भी पहुंचेगी।

Mukhyamantri Teerth Darshan Yojana देव स्थानों पर निरंतर करें सुविधाओं में वृद्धि

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के प्रमुख तीर्थ स्थानों के साथ ही अन्य देव स्थलों पर भी विभिन्न सुविधाओं का विकास आवश्यक है। देव स्थल परिसर सुविधायुक्त हों, इसके लिए विभिन्न संबंधित विभाग सक्रिय रहें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राम राजा की नगरी ओरछा, शारदा माता के स्थान मैहर, बड़ा महादेव मंदिर, चौरागढ़ महादेव, जटा शंकर पचमढ़ी पर व्यवस्थाएं बेहतर करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक लोकों के निर्माण के संबंध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की।


Mukhyamantri Teerth Darshan Yojana आठ लाख नागरिकों को मिला है योजना का लाभ

धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग द्वारा बैठक में प्रजेंटेशन में बताया गया कि प्रदेश में वर्ष 2012 से प्रारंभ मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का आईआरसीटीसी द्वारा योजना का संचालन किया जा रहा है। इसमें देश के 41 एकल तीर्थ स्थल और 9 युग्म तीर्थ स्थल सम्मिलित हैं। गत 12 वर्ष में प्रदेश के लगभग 8 लाख श्रद्धालुओं को योजना का लाभ प्राप्त हुआ है। यात्रा के लिए 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों का चयन किया जाता है। महिलाओं के लिए दो वर्ष की छूट है। जो नागरिक 65 वर्ष से अधिक आयु के हैं अथवा दिव्यांग हैं उन्हें अपने साथ सहायक ले जाने की पात्रता है। तीर्थ यात्रियों को भोजन, रहने की सुविधा के साथ ही चिकित्सा, सुरक्षा और सड़क परिवहन सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाती है।

Mukhyamantri Teerth Darshan Yojana विगत वित्त वर्ष में 29 भारत गौरव ट्रेनों के संचालन से प्रदेश के 18 हजार 480 श्रद्धालु लाभान्वित हुए। वर्तमान वित्त वर्ष में वाराणसी- अयोध्या, रामेश्वरम, द्वारका, जगननाथपुरी, कामाख्या, शिर्डी, हरिद्वार, मथुरा- वृंदावन, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की दीक्षा भूमि (नागपुर) और स्वर्ण मंदिर अमृतसर के लिए 35 ट्रेनों की व्यवस्था कराई जाएगी। वर्ष 2023-24 से वायुयान द्वारा तीर्थ यात्रा भी शुरू की गई है। इसका लाभ प्रदेश के 25 जिलों के 790 तीर्थ यात्रियों को प्राप्त हुआ है। इन्हें भोपाल और इंदौर एयरपोर्ट से प्रयागराज, गंगासागर, शिर्डी और मथुरा वृंदावन की यात्राएं कराई गईं।

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