October 16, 2024

Maihar Sharda Temple : मां शारदा के मंदिर में आज भी आते हैं आल्हा ऊदल

Maihar Sharda Temple

Maihar Sharda Temple : भारत में वैसे तो कई रहस्यों से भरे मंदिर है।लेकिन ,अगर बात करें मैहर की ,तो यहां का शारदा देवी का मंदिर ,अपने आप में कई रहस्यों को लिए हुए है। यह आपको कई दैवीय चमत्कार देखने और सुनने मिल सकते है। लेकिन यहां दो चमत्कार हर किसी को हैरान कर देते है ।आज हम आप इस नवरात्रि के अवसर पर मैहर की शारदा देवी के मंदिर में होने वाले अद्भुत चमत्कार के बारें में बताने जा रहे हैं।Maihar Sharda Temple

मां शारदा के मंदिर में जलती है 24 घंटे जोत

वैसे तो शारदा देवी के मंदिर में भक्तों की 12 महीने ही भीड़ लगी रहती है लेकिन नवरात्रों में यहा अलग ही नजारा देखने को मिलता है मां शारदा के मंदिर में जल रही 12 महीनें अखड़ जोत के के दर्शन करने नवरात्रों सबसे ज्यादा लोग आते है । और शारदा माई के भक्तों की ऐसी अस्था है की जो भी भक्त यहा सच्चे दिल से कुछ मांगता है वो उसे मिलता है।Maihar Sharda Temple

इस शक्ति पीठ का नाम क्यों पड़ा मैहर

पौराणिक कथा के अनुसार जब राजा दक्ष महायज्ञ का आयोजन कराया तो इसमें सारे देवताओं को निमंत्रित दिया लेकिन शिव को निमंत्रित नहीं दिया ,उधर सती यज्ञ में जाने के लिए व्याकुल हो रही थीं। तो सती का प्रबल आग्रह देखकर भगवान भोलेनाथ ने उन्हें यज्ञ में जाने की अनुमति दी । सती जब घर पहुँचीं तो वहाँ उन्होंने भगवान शिव के प्रति तिरस्कार का भाव देखा, दक्ष ने भी उनके प्रति अपमानजनक शब्द कहे।इससे सती के मन में बहुत पीड़ा हुई। वे अपने पति का अपमान सह न सकीं और योगाग्नि द्वारा स्वयं को जलाकर भस्म कर लिया जब शिव सती की देह को ले जा रहे थे। तब सती का हार इस जगह गिर गया था तब से इसे मैहर के नाम से जाना जाने लगा । Maihar Sharda Temple

आज भी आते है आल्हा ऊदल

कहा जाता है की आल्हा ऊदल देवी शारदा के बहुत बड़े भक्त थे । उन्होंने मां शारदा देवी के इसी मंदिर में 12 वर्ष तक तपस्या की थी । इस तपस्या से प्रसन्न होकर देवी मां ने दोनों भाईयों को अमरता का वरदान दिया था । तब से आज तक अलाह – उदाल रोज मंदिर में आते है और मंदिर के पट खुलने से पहले ही अलाह – उदाल मां शारदा की पूजा कर जाते है । जब सुबह पुजारी जी मंदिर के पट खोलते है उन्हें दीपक जलता हुआ और मां के चरणों में फूल चढे़ मिलते है।Maihar Sharda Temple

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