Kalparambha 2024 : हर बार कल्परम्भ नवरात्रि के छठवे दिन से प्रारंभ होता है।दुर्गा पूजा की विधिवत शुरुआत षष्ठी से ही शुरू होती है माना जाता है कि देवी दुर्गा इस दिन धरती पर आई थीं। षष्ठी के दिन बिल्व निमंत्रण पूजन, कल्पारंभ, अकाल बोधन, आमंत्रण और अधिवास की परंपरा है।
काल प्रारंभ का कार्य सुबह -सुबह शुरु होता है इस समय कलश में जल भरकर देवी दुर्गा को समर्पित करते हुए इसकी स्थापना की जाती है। घट स्थापना के बाद महासप्तमी, महाअष्टमी और महानवमी तीनों दिन मां दुर्गा की विधिवत पूजा-आराधना का संकल्प लिया जाता है।Kalparambha 2024
जानें,अकाल बोधन
अकाल बोधन का मतलब नींद से जगाना होता है. कल्परम्भ के मौके पर मां दुर्गा को नींद से जगाया जाता है। हिंदू लोगों की मान्यता है भगवान राम ने सबसे पहले आराधना करके देवी दुर्गा को जगाया था। और इसके बाद रावण का वध किया था। देवी दुर्गा को असमय नींद से जगाया जाता है इसलिए इस क्रिया को अकाल बोधन भी कहते हैं। बोधन की क्रिया में मां दुर्गा को निंद्रा से जगाने के लिए प्रार्थना की जाती है।Kalparambha 2024