December 22, 2024

Sacrifice Of Owls On Diwali : शैतानी साजिश या अंधविश्वास, क्या है उल्लूओं की बलि देने के पीछे का राज़

Sacrifice Of Owls On Diwali

Sacrifice of owls on Diwali : दिवाली आते ही एक तरफ लोग दिवाली की तैयारी में लगे है। तो, वही दूसरी तरफ दिवाली आते ही उल्लूओं के प्राण संकट में आ जाते है। क्योंकि दीपावली आते ही तंत्र साधना करने वाले उल्लूओं की तलाश में लग जाते है। उल्लूओं की तस्करी होना शुरू हो जाती है । ऐसे हालतों को देखते हुए हरिद्वार वन विभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व उल्लूओं की रक्षा को लेकर अलर्ट पर है।

उल्लूओं की प्रजाति

दुनियाभर में उल्लुओं की लगभग 250 प्रजातियां हैं. इनमें से कुछ प्रजातियां संकटग्रस्त या विलुप्त होने की कगार पर हैं इसके पीछे का करण सिर्फ और सिर्फ अंधविश्वास है।

क्यों देते है दिवाली पर उल्लू की बलि

तांत्रिक जादू-टोना तंत्र-मंत्र और साधना विद्या करने वालों का मानना है की ,उल्लू की बलि दिए जाने से तंत्र-मंत्र विद्या को और अधिक बल मिलता है। उल्लू की बलि से जादू-टोना सिद्ध हो जाते है, इसी अंधविश्वास के चलते इस दुर्लभ प्रजाति को लोग अपना शिकार बना रहे हैं।

शास्त्रों में क्या लिखा है उल्लू के बारें में

उल्लू मां लक्ष्मी का वाहन है। और शास्त्रों में उल्लू की बलि का कोई विधान नहीं है। उल्लू की हत्या से केवल दरिद्रता ही घर वास करती है। वहीं, मां लक्ष्मी उल्लू की हत्या से नहीं, बल्कि उसकी की पूजा से प्रसन्न होती हैं।

हरिद्वार के डीएफओ ने उल्लूओं की रक्षा के लिए दिए निर्देश

हरिद्वार वन विभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व उल्लूओं और अन्य जीवों को लेकर अलर्ट पर है। हरिद्वार के डीएफओ वैभव कुमार सिंह ने वन विभाग की एसओजी की टीमों को भी उल्लूओं की रक्षा के लिए अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।Sacrifice Of Owls On Diwali

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