Bhim Kund: भीम कुंड, जिसे भीमकुंड या भीम कूड के नाम से भी जाना जाता है, भारत के मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित एक प्राकृतिक जल स्रोत है। भीम कुंड के बारे में कई तरह की कथाएं प्रचलित हैं।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भीम कुंड (Bhim Kund) वह स्थान है जहां महाकाव्य महाभारत के दूसरे पांडव भाई भीम ने अपनी पत्नी द्रौपदी के लिए जल स्रोत बनाने के लिए अपनी गदा से जमीन पर वार किया था। कुंड को लेकर मान्यता है कि तपती धूप में थकी हुई द्रौपदी प्यास से बेहोश हो गई। पांचों भाइयों में सबसे ताकतवर भीम ने अपनी गदा जमीन पर मारी और पानी बाहर निकल आया और कुंड अस्तित्व में आ गया।
एक अन्य मान्यता के अनुसार Bhim Kund
एक अन्य किंवदंती के अनुसार वैदिक ऋषि नारद ने भगवान विष्णु की स्तुति में गंधर्व गान किया था। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु कुंड से निकले और विष्णु के काले रंग के कारण पानी नीला हो गया। इस जलकुंड की गहराई अभी भी अज्ञात और रहस्यपूर्ण है। Bhim Kund
खास—खास Bhim Kund
कुंड एक प्राकृतिक सिंकहोल है, जो लगभग 10-15 मीटर गहरा और 25-30 मीटर चौड़ा है, जो चूना पत्थर की गुफा के ढहने से बना है।
- कुंड का पानी बिल्कुल साफ है, जिसकी दृश्यता 40 फीट तक है।
- इसका पानी नीला हरा दिखाई देता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि खनिज और शैवाल की उपस्थिति के कारण पानी नीला-हरा दिखाई देता है।
- कुंड ऊबड़-खाबड़ इलाके, पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा हुआ है।
- भीम कुंड (Bhim Kund) तक छतरपुर से सड़क मार्ग (लगभग 70 किमी) या आसपास के गांवों से ट्रैकिंग करके पहुंचा जा सकता है।
- यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च, जब मौसम सुहावना होता है और ट्रैकिंग और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए उपयुक्त होता है।