December 3, 2024

Chardham Yatra 2024 : बदरीनाथ यात्रा के साथ चमोली में तीर्थयात्रियों के लिए खुले है ये धार्मिक और पर्यटन स्थल।

Chardham Yatra 2024

Chardham Yatra 2024: These religious and tourist places are open for pilgrims in Chamoli along with Badrinath Yatra.

Chardham Yatra 2024 : बदरीनाथ यात्रा के साथ चमोली में तीर्थयात्रियों के लिए खुले है ये धार्मिक और पर्यटन स्थल।

देवभूमि उत्तराखंड के चमोली जनपद में कई धार्मिक और पर्यटक स्थल मौजूद है। बद्रीनाथ की यात्रा के साथ तीर्थयात्री इन धार्मिक स्थलों में भी आसानी से पहुंच सकते है। इन धार्मिक स्थलों पर आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ ही मानसिक सुकून मिलता है। जिले के कुछ महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में मां नंदा सिद्वपीठ कुरुड़, उमा देवी मंदिर कर्णप्रयाग, गोपीनाथ मंदिर, कल्पेश्वर महादेव मंदिर, नौटी नंदा देवी मंदिर, अनसूया मंदिर, बैरासकुंड मंदिर है, जहां पर श्रद्धालु आसानी से पहुंच सकते है।

मां नंदा सिद्वपीठ कुरुड़ मंदिर -बदरीनाथ हाईवे पर ऋषिकेश से 190 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नंदप्रयाग से नंदानगर सड़क पर 25 किलोमीटर की दूरी तय कर कुरुड़ गांव में उत्तराखंड की अधिष्ठात्री देवी मां नंदा मंदिर के दर्शन किए जा सकते हैं। यहां मां नंदा को भगवान शिव की पत्नी के रूप में पूजा जाता है।

Chardham Yatra 2024:  संतानदायिनी माता अनसूया मंदिर -चमोली-ऊखीमठ सड़क पर गोपेश्वर से 8 किमी की सड़क और पांच किमी की पैदल दूरी पर संतानदायनी माता अनसूया के मंदिर पहुंचा जा सकता है। यह मंदिर निर्जन जंगल में स्थित है। प्रतिवर्ष दत्तात्रेय पर्व पर दिसंबर में यहां दो दिवसीय अनसूया मेला आयोजित होता है। मंदिर में निसंतान दंपत्ति संतान कामना पूर्ण होती है।

Chardham Yatra 2024:  गोपीनाथ मंदिर- गोपेश्वर नगर क्षेत्र में स्थित गोपीनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह गढ़वाल क्षेत्र का सबसे बढ़ा मंदिर है। यह मंदिर भगवान रुद्रनाथ का शीतकालीन प्रवास स्थल भी है। मंदिर अपनी वास्तुकला के कारण अगल पहचान रखता है। मंदिर परिसर में एक विशाल त्रिशूल भी स्थित है, स्थानीय मान्यता है कि जब भगवान शिव ने कामदेव को मारने के लिए अपना त्रिशूल फेंका तो वह यहां गढ़ गया। त्रिशूल की धातु अभी भी सही स्थित में है।

Chardham Yatra 2024:  पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव मंदिर – मध्य हिमालय क्षेत्र में जिले की नैसर्गिक सौन्दर्य से परिपूर्ण उर्गम घाटी में समुद्र तल 2134 मीटर की ऊंचाई पर पंच केदारों में पांचवा केदार मंदिर है कल्पेश्वर। जहां अन्य चार केदारों के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाते हैं। वहीं कल्पेश्वर मंदिर के कपाट वर्ष भर श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खुले रहते हैं।

Chardham Yatra 2024:  रूद्रनाथ धाम – पंच केदारों में चतुर्थ केदार रुद्रनाथ में भगवान शिव के दक्षिणमुखी एकानन मुख के दर्शन होते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए तीर्थयात्रियों को गोपेश्वर से 3 किमी की दूरी वाहन से तय कर सगर गांव पहुंचा जाता है। सगर गांव से 19 किमी की पैदल दूरी सुंदर मखमली बुग्यालों के बीच तय कर रूद्रनाथ मंदिर पहुंचा जा सकता है। रूद्रनाथ जी के कपाट 18 मई से श्रद्धालुओं के लिए खुल गए है।

Chardham Yatra 2024:  उमा देवी मंदिर कर्णप्रयाग – चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे पर पंच प्रयागों में से एक कर्णप्रयाग नगर में भगवान शिव की अर्धांगिनी पार्वती का मंदिर उमा देवी के नाम से स्थापित है। यहां माता उमा की पौराणिक शिला मूर्ति व मंदिर दर्शनीय है।

Chardham Yatra 2024:  पर्यटक स्थल – चमोली में कई दर्शनीय पर्यटन स्थल भी मौजूद है। जिले में निजमुला घाटी, उर्गम घाटी, नीती घाटी, चेनाप घाटी, देवताल, बेनीताल, रूपकुंड, लोहाजंग, लार्ड कर्जन रोड, औली, वैली ऑफ फ्लावर सहित कई पर्यटक स्थल है, जिनमे तीर्थयात्री आसानी से पहुंच सकते है। इन पर्यटक स्थलों पर मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध है।

Chardham Yatra 2024:  अलकनंदा की लहरों पर राफ्टिंग का रोमांच – सीमांत जनपद चमोली में पर्यटक अलकनंदा नदी की ठंडी लहरों में राफ्टिंग का लुफ्त भी उठा सकते है। यहां देवली बगड से कालदूबगड तक करीब 5 किलोमीटर दायरे में रिवर राफ्टिंग की सुविधा उपलब्ध है।

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