Dangerous Dictator Mussolini : कौन था हिटलर से भी खतरनाक तानाशाह जिसे हिटलर भी अपना गुरु मानता था जर्मनी के हिटलर के बारे में तो आपने सुना ही होगा, जिसे दुनिया का सबसे क्रूर शासक कहा जाता है। पर क्या आपको पता है हिटलर से भी क्रूर शासक के बारे में ; जिसे हिटलर भी अपना गुरु मानता था। एक ऐसा शासक जिसके मरने के बाद उसकी ही प्रजा ने उसके शव के साथ ऐसा सुलूक किया जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे।Dangerous Dictator Mussolini
जी हां, आज हम बात कर रहे है इटली के क्रूर शासक बेनिटो मुसोलिनी के बारे में, जो हिटलर का दोस्त था। और कैसे बना वो लोकतंत्र का हत्यारा। आखिर क्यो ? लोग उसकी मौत के बाद की कहानी सुनकर हैरान हो जाते हैं।
कैस बना एक लोकत्रंत का रक्षक लोकतंत्र का हत्यारा
बात उस समय की है जब मुसोलिनी ने पत्रकारिता छोड़कर अपनी एक अलग नई राजनीतिक राष्ट्रवाद विचारधारा को जन्म दिया । जो सुनने में काफी अच्छा और लुभावना था। इस विचारधारा के कारण लोगों ने उस से जुड़ने लगे । और 1919 में मुसोलिनी ने नेशनल फासिस्ट नाम की एक पार्टी तैयार की उस पार्टी में शामिल होने के लिए उसने उसकी विचारधारा वाले लोगों को ही चुना। धीरे- धीरे राष्ट्रवाद विचारधारा से मुसोलिनी को काफी समर्थन मिलने लगा, साथ ही ज्यादातर वो लोग जुड़े जो बेरोजगार थे और सरकार की योजना से नाखुश थे।Dangerous Dictator Mussolini
1922 में जन समर्थन से मुसोलिनी इटली का शासक बना। शासक बनने के तीन-चार साल तक तो मुसोलिनी ने लोगों का और लोकतंत्र का सम्मान किया। महंगाई को कम किया। भष्टाचार और बेरोजगारी को दूर किया। लेकिन उसके बाद वो इटली पर आजीवन राज्य करने की इच्छा करने लगा और वो निरंकुश बन बैठा। सत्ता में बने रहने के लिए उसने कानून में हेरफेर की नए-नए कानून बनाए। साथ ही इटली की जनता पर आत्याचार करने लगा। इस तरह मुसोलिनी ने इटली के लोकतंत्र की हत्या की ।Dangerous Dictator Mussolini
इतना क्रूर होने के बाद भी इटली की आधी से ज्यादा जनता मुसोलिनी को क्यों मानती थी अपना भगवान – इतिहासकार बताते है मुसोलिनी के इतना क्रूर होने के बाद भी लोग उसकी पूजा करते थे डचे डचे का नारा लगा कर उसकी जय-जयकार करते थे इसके पीछे का कारण मीडिया थी जो लोगों के सामने सरकार की छवि को अच्छा करने में कार्य करती थी। क्योंकि सरकार ने मीडिया अपने वश में कर ली।
पत्रकार से सत्ता में आने तक की कहानी
इटली में जब बच्चे बालिक हो जाते थे तो उनको कुछ दिन के लिए सेना में जाना पड़ता था । लेकिन मुसोलिनी सेना में नहीं जाना चाहता था।सेना में जाने के डर से वह स्विटजरलैंड भाग गया। कुछ समय बाद वह इटली फिर से आया। और सेना में कुछ दिन के लिए काम किया इसके बाद उसने पत्रकारिता शुरू कर दी लेकिन उसके एक अर्टिकल पूरे इटली में तहलका मचा दिया।Dangerous Dictator Mussolini
ऐसा क्या लिखा था अर्टिकल में की पूरी दुनिया में तहलका मच गया
1914 में उस समय प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था। उस समय मुसोलिनी ने अपने आर्टिकल में लिखा की इटली को निष्पक्ष ना होकर ब्रिटेन और फ्रांस के पक्ष में लड़ना चाहिए । लेकिन मुसोलिनी का ये लेख अखबार में काम करने वाले लोगों को पसंद नही आया और वे मुसोलिनी से नाराज़ हो गए , साथ ही उसे नौकरी से निकाल दिया। इसके बाद उसने पत्रकारिता को अलविदा कह दिया और राजनीति की तरफ अपना कदम बढ़ाया। ऐसे बना मुसोलिनी एक पत्रकार से नेता । ऐसा क्या किया इटली की जनता ने मुसोलिनी के शव के साथ जिसे सुनकर लोगों की आज भी रुह काँप जाती है .Dangerous Dictator Mussolini
29 अप्रैल 1945 की रात 3 बजे एक गाड़ी कुछ लाशों को फेक कर चली जाती है। विश्व युध्य के दौरान ये कोई बड़ी बात नहीं थी लेकिन सुबह होते लोगों की नजर दो लाशों पर पड़ी वो लाशें मुसोलिनी और उसकी गर्लफ्रेंड की थी जैसे ही लोगों ने मुसोलिनी और उसकी गर्लफ्रेंड की लाशों को देखा तो लोगों ने उन पर पत्थर मारना शुरू कर दिया। तभी भीड़ में से निकल कर एक महिला आगे आती है और मुसोलिनी के शव पर लगातार 5 गोली चला देती है और कहती है आज बेटों की मौत का हिसाब बराबर हुआ। इतने में एक महिला और आगे आती है और मुसोलिनी के शव को इतने कोड़े मारती है की उसकी एक आँख बाहर निकल आती है
तभी दूसरा व्यक्ति मुसोलिनी के शव को हवा में उछाल देता है और वहाँ जमी भीड़ कहती है थोड़ा और ऊपर थोड़ा और ऊपर , इसके बाद मुसोलिनी और उसकी गर्लफ्रेंड के शव को उल्टा लटका दिया जाता है। उल्टा लटकने के कारण उसकी गर्लफ्रेंड का स्कर्ट उसके मुँह पर आ जाता है। तो लोग उसकी गर्लफ्रेंड को देख- देख कर हंसने लगते हैं क्योंकि उसने नीचे अंडरगारमेंट्स नहीं पहना होता । एक औरत जोर से हंसते हुई आती है .
और मुसोलिनी पर पेशाब कर देती है, साथ ही एक आदमी मरा हुआ चूहा मुसोलिनी के मुँह मे डाल देता है । फिर अमेरिका के सैनिक पियाजाले लोरेटो शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज देते हैं । पोस्टमार्टम में पता चलता है की मुसोलिनी की मौत गोली लगने से हुई थी । और मुसोलिनी के दिमाग को निकाल कर रिसर्च के लिए भेजा जाता है ।Dangerous Dictator Mussolini