नई दिल्ली। मुकुट कुंडल तिलक चारू उदारू अंग विभूषणं । आजानुभुज शर-चाप-घर, संग्राम-जित-खरदूषणं ।। अर्थात मस्तक पर रत्नजटित मुकुट, कानों…