Gaya को अब ‘गया जी’ के नाम से जाना जाएगा, जानिए किस राक्षस के नाम पर है ‘गया’ का नाम
सीएम नीतीश कुमार कैबिनेट ने प्रस्ताव को दी मंजूरी

बिहार। यहां के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल और पर्यटन के लिहाज से मशहूर शहरों में से एक गया शहर अब आधिकारिक तौर पर गया जी के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने गया का नाम बदलकर गया जी करने के सामान्य प्रशासनिक विभाग (जीएडी) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। हर साल पितृपक्ष (आमतौर पर सितंबर में) के दौरान दुनिया भर से लाखों लोग गया आते हैं और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं।
किंवदंतियों के अनुसार इस शहर का नाम गयासुर नामक राक्षस के नाम पर रखा गया था जो त्रेता युग में इस क्षेत्र में रहता था। वायु पुराण के अनुसार, राक्षस ने कठोर तपस्या की और भगवान विष्णु से आशीर्वाद प्राप्त किया और इस तरह एक पवित्र आत्मा बन गया। यह रहस्य देवर्षि नारद ने ब्रह्माजी के चार बाल मानसपुत्रों सनकादि ऋषियों से पूछा था। उन्होंने पूछा कि गयाजी तीर्थ का क्या महत्व है और इसका नामकरण कैसे हुआ? तब सनत्कुमार ऋषि ने एक कहानी के जरिए इस रहस्य को बताया था। वायु पुराण के गया महात्म्य खंड में इसका विस्तार से वर्णन है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (कैबिनेट) एस सिद्धार्थ ने कहा कि गया शहर का नाम बदलने का प्रस्ताव उन 69 प्रस्तावों में से एक है जिन पर कैबिनेट ने चर्चा की और उसे मंजूरी दी।
सहकारिता विभाग के मंत्री और गया के विधायक प्रेम कुमार ने आधिकारिक तौर पर गया को शहर बनाए रखने के प्रस्ताव को अनुमति देने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे स्थानीय भावनाओं के अनुरूप पिछले एक दशक से इसके लिए प्रयास कर रहे थे। 2022 में गया नगर निगम ने भी गया का नाम गया जी रखने का प्रस्ताव पारित किया था।