धर्म/अध्यात्म

होलिका दहन आज, 11 बजे के बाद 1 घंटे का मुहूर्त

होली जलाने का मुहूर्त रात 11.30 से 12:30 तक रहेगा

भोपाल। आज 13 मार्च को होलिका दहन (Holika dahan) है। वैसे तो होली का पर्व कई दिनों पहले ही शुरु हो जाता है लेकिन हर स्थान पर अपनी परंपरा के अनुसार होलिका दहन किया जाता है और रंग गुलाल लगाई जाती है। आज होलिका दहन के उपरांत 14 मार्च को धुड़ेरी का पर्व मनाया जाएगा। आमतौर पर सूर्यास्त के बाद ही होलिका दहन की परंपरा है, लेकिन आज शाम को भद्रा का अशुभ समय रहेगा। इस वक्त होली की पूजा तो कर सकते हैं, लेकिन होली जलाने का मुहूर्त रात 11.30 से 12:30 तक रहेगा।

मथुरा—वृंदावन, बरसाने, काशी, दिल्ली, उत्तरप्रदेश सहित हर स्थान की अपनी धार्मिक परंपरा है जो पौराणिक काल से चली आ रही है। होली को लेकर प्रचलित कथाओं के अनुसार हिरण्याकश्यप के पुत्र भक्त प्रहलाद को जलाने की कोशिश में होलिका का दहन हो गया था। ब्रम्हदेव के वरदान के बाद भी होलिका आग में जल गई और प्रहलाद सुरक्षित बच गए। तभी से होलिका दहन की परंपरा है।

राम, कृष्ण, महादेव ने खेली होली
ग्रंथों के अनुसार सतयुग के बाद त्रेतायुग में श्रीराम ने होली खेली, द्वापर में श्रीकृष्ण ने राधा और गोपियों के साथ होली खेली थी। एक मान्यता कामदेव से जुड़ी है तो दूसरी ढोंढा नाम की राक्षसी से। ये मान्यताएं विष्णु पुराण, शिव पुराण और भविष्य पुराण में बताई गई हैं। वहीं काशी की होली सबसे निराली होती है, जिसे भगवान महादेव ने स्वयं खेला था। भारत में होली के रंग—बिरंगे उत्सव को देखने के लिए प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में विदेशी मेहमानों का भी आगमन होता है।

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