धर्म/अध्यात्म

Vastu Dosh : घर में रोशनी की कमी और वास्तु दोष

नई दिल्ली। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में पर्याप्त प्रकाश का होना अत्यंत आवश्यक है। यदि किसी स्थान पर रोशनी कम या बिल्कुल नहीं होती, तो वहां नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है। यह स्थिति कई प्रकार के वास्तु दोषों को जन्म देती है, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर प्रतिकूल असर डाल सकते हैं।
पूर्व दिशा से सूर्य की ऊर्जा प्रवेश करती है। यदि इस दिशा में रोशनी की व्यवस्था ठीक नहीं है, तो यह व्यक्ति के स्वास्थ्य, उत्साह और पारिवारिक सामंजस्य पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है। ईशान कोण को घर का सर्वाधिक शुभ भाग माना जाता है। यहाँ अंधकार होने से आध्यात्मिक रुकावटें, मानसिक भ्रम और आर्थिक बाधाएँ उत्पन्न हो सकती हैं। यदि घर के बल्ब, ट्यूबलाइट आदि खराब पड़े हों और समय पर बदले न जाएँ, तो यह भी वास्तु की दृष्टि से दोषपूर्ण माना जाता है।

अंधकार के कारण वास्तु दोष दूर करने के प्रभावी उपाय

घर में पूर्व और उत्तर दिशा की खिड़कियाँ खुली और साफ रखें ताकि सूरज की रोशनी का अधिकतम लाभ मिल सके। मोटे और गहरे रंग के पर्दों की बजाय हल्के या पारदर्शी पर्दों का उपयोग करें। कम रोशनी वाले हिस्सों में वॉर्म लाइट्स का प्रयोग करें। मुख्य द्वार, पूजा स्थल, रसोई और तिजोरी जैसे स्थानों में रोशनी की विशेष व्यवस्था करें। हर दिन सूर्यास्त के बाद घर के कोनों और विशेषकर दक्षिण-पूर्व दिशा में दीपक या मोमबत्ती जलाना शुभ माना जाता है। दर्पण का प्रयोग कर रोशनी को परावर्तित किया जा सकता है। उत्तर या पूर्व दिशा में लगाया गया दर्पण अंधेरे कोनों को उज्ज्वल बना सकता है। दीवारों और छत पर हल्के रंगों (जैसे सफेद, हल्का पीला, या क्रीम) का चयन करें। अंधेरे कोनों में जमा गंदगी और कबाड़ ऊर्जा प्रवाह को बाधित करता है। नियमित सफाई और व्यवस्थित वातावरण बनाए रखना आवश्यक है।

वास्तु क्रिस्टल बॉल्स को अंधेरे कोनों में टाँगने से सकारात्मक ऊर्जा आती है। सेंधा नमक को कांच के कटोरे में रखकर कोनों में रखने से नकारात्मक ऊर्जा कम होती है। मनी प्लांट, स्नेक प्लांट जैसे पौधे कम रोशनी में भी पनपते हैं और वातावरण को शुद्ध रखने में सहायक होते हैं।

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