कल्पवृक्ष :इस वृक्ष के नीचे की गई कल्पनाएं होती है सिद्ध

भोपाल।कल्पवृक्ष, समुद्र मंथन के दौरान मिलने वाले 14 रत्नों में से एक रत्न कल्पवृक्ष है।यह वृक्ष मनोकामना पूरा करने वाला वृक्ष माना जाता है। लोगों की ऐसी मान्यता है, कि जो भी आप इस वृक्ष के नीचे बैठ कर कल्पना करते हैं।वो कल्पना हकीकत में बदल जाती है।इसलिए इस वृक्ष का नाम इच्छा पूर्ति दिव्य वृक्ष यानी कल्पवृक्ष पड़ा।
इस वृक्ष का उल्लेख हिंदू ,बौध ,जैन धर्म में भी मिलता है। इस वृक्ष को स्वर्ग का कल्प वृक्ष कहा जाता है।मध्यप्रदेश के अनुपपुर में स्थित इस कल्प वृक्ष के दर्शन करने और अपनी मनोकमना को लेकर देश ही नहीं बल्कि विदेशों से तक लोग यहां आते हैं। यह कल्पवृक्ष आस्था और आकर्षण का अद्भुत केंद्र है।लोग इस वृक्ष के नीचे बैठ कर अपनी जो मनोकामना होती है उसकी कल्पना करते हैं।साथ ही इस के नीचे बैठकर उनकी की गई कल्पना को पूरा होने के लिए इस वृक्ष से प्रार्थना भी करते हैं।और कल्प वृक्ष लोगों को आशीर्वाद देते हुए लोगों की मन्नतों को पूरा करता है।