Mana Ki Kheer : अगर आप जायकों के शौकीन है तो, आपको भारत में कई प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन मिल जाएंगे। साथ ही मीठे की बात करें तो, भारत में मीठे में भी कई प्रकार की मिठाई पाई जाती। आज ऐसे ही मिठास से भरे 50 साल पुराने जायके के बारे में हम आपको बातने जा रहे हैं। जिसका स्वाद आज भी वैसा का वैसा ही है, जैसा 50 साल पहले था। भले ही आप अपने घर से दूर रहते हों, लेकिन ये व्यंजन आपको आपके मां के हाथों से बने खाने की याद दिला देगा। Mana Ki Kheer
जी हां, हम बात कर रहे है भोपाल से थोड़ी दूर रायसेन रोड पर बने माना ढाबे की 50 साल पुरानी चावल की खीर के बारे में, जो पूरे भारत में प्रसिद्ध है। जिसे खाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं और खाते ही मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। ऐसा क्या खास है इस खीर में, चलिए जानते हैं। Mana Ki Kheer
Mana Ki Kheer ढाबे पर पहली बार खीर बनने की पहल कब हुई
पहली बार 1972 में एक महाराज ने मनफूल सिहं की थोड़ी सी जमीन पर एक ढाबा खोला। ढाबा खोलने का के पीछे का कारण रायसेन से भोपाल आने वाले रास्ते में कोई भी खाने पीने की दुकान नहीं थी। साथ ही बरसात के चक्कर में रायसेन और भोपाल निकलने वाली बेतवा नदी उफान पर होती है। जाने-आने का रास्ता बंद हो जाता है ऐसे में पहले ट्रक चालक, राहगीरों को खाने पीने के लिए कोई साधन नही था इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। इसी परेशानी का हल करने के लिए महाराज जी ने ढाबा खोला। Mana Ki Kheer
Mana Ki Kheer पहले एक रुपए थी इसकी कीमत
साथ ही उन्होंने सोचा खाने के साथ कुछ मीठा होना चाहिए। उन्होंने तभी 3 किलो दूध को उबाल कर 2 किलो कर लिया। और आधा किलो चावल और ड्रायफ्रूट चीनी मिला कर खीर बना ली ये खीर लोगों इतना पसंद आई की ढाबे ये खीर हर रोज बनने लगी तब से लेकर अब तक ये खीर रोज बनती है। 50 साल पहले इस खीर की कीमत 1 रु.थी पर अब ये खीर 50 रु. में मिलती है। Mana Ki Kheer
Mana Ki Kheer पूर्व सीएम शिवराज सिंह भी है इस खीर के दीवाने
यशवंत बबूल मीणा बताते हैं। जब एक बार यशवंत बबूल मीणा सीएम शिवराज से मिलने पहुंचे तो उन्होंने कहा कि कहा हम माना से आए हैं। तब सीएम शिवराज ने कहा, आप माना ढाबा वाले हैं ना जिसकी खीर बहुत फेमस है पहले मैं माना ढाबा पर स्कूटर से खीर खाने जाता था। इसके बाद अब इस ढाबे और यहां की खीर कितनी फेमस है इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। Mana Ki Kheer