PM Narendra Modi : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तेजी से दौड़ रहे ‘विजय रथ’ पर लोकसभा चुनाव 2024 में पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से हल्का ब्रेक लगा। इसके बाद मोदी ने अपने ‘रथ’ का गीयर बदला और एक बार फिर तस्वीर बदलनी शुरू हो गई। पहले छह महीने में सरकार ने मोदी गारंटी को युवाओं और महिलाओं पर फोकस रखा।
युवाओं के लिए इंटर्नशिप योजना लॉन्च की गई तो महिलाओं के लिए लखपति दीदी योजना को मजबूत बनाना शुरू किया गया। इसके साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सडक़, रेल और हवाई सेवा से जुड़े लाखों करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट शुरू किए गए। हालांकि गठबंधन की सरकार के चलते इस बार कुछ मोर्चों पर सरकार को नरम रुख भी अपनाना पड़ा है।
दरअसल, पूर्ण बहुमत नहीं होने और टीडीपी, जेडीयू जैसे दलों के समर्थन के चलते मोदी सरकार-3 को लेकर कई तरह की आशंका लगाई जा रहीं थी। प्रधानमंत्री मोदी ने छ माही में तमाम आशंकाओं को खारिज कर जोरदार वापसी कर ली। सियासी पिच पर महाराष्ट्र व हरियाणा जैसे राज्यों में भाजपा की जीत दर्ज कर अपने हौसले को बढ़ा लिया है। सरकार की रफ्तार भी अब तेज होती जा रही है। मणिपुर हिंसा और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को अभी भी कड़े कदम उठाने की दरकार बनी हुई है।PM Narendra Modi
मोदी सरकार के बड़े फैसले
- वन नेशन, वन इलेक्शन : इस पर सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में बनी समिति ने 62 राजनीतिक पार्टियों से बात की। इनमें से 32 ने वन नेशन, वन इलेक्शन का समर्थन किया। जबकि, 15 पार्टियां इसके विरोध में थीं। वहीं 15 ऐसी पार्टियां थीं, जिन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था। इसको लेकर जल्द ही संसद में विधेयक लाया जा सकता है।
- इंटर्नशिप योजना: 1 लाख 25 हजार युवाओं को 5,000 रुपए प्रति माह स्टाइपेंड देने की घोषणा। फिलहाल रजिस्ट्रेशन पूर्ण, लेकिन लॉन्चिंग होना बाकी है।
- वरिष्ठ नागरिकों का मुफ्त इलाज : केंद्र सरकार ने 11 सितंबर को 70 वर्ष से ऊपर के सभी वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया।
- महिलाओं के लिए तीन लाख करोड़ : महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के लिए केन्द्रीय बजट में तीन लाख करोड़ रुपए आवंटित किए। इनमें लखपति दीदी अहम योजना है।
यहां कदम खींचे पीछे
पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं होने के चलते सहयोगी दलों के दबाव में कुछ फैसलों पर सरकार को अपने कदम पीछे भी लेने पड़े हैं।
- वक्फ एक्ट संशोधन अधिनियम: संसद में पेश करने पर इस पर खासा हल्ला मचा, जिसके चलते इसे जेपीसी को भेजा गया।
- लेटरल एंट्री: लोकसेवा आयोग की ओर से 45 पदों पर लेटरल एंट्री पर विपक्ष के साथ सहयोगी दल एलजेपी ने सवाल उठाए तो सरकार ने इसे वापस लिया।
अब देखना ये है कि आने वाले दिनों में विपक्ष के रवैये के साथ लिए गए फैसले किस हद तक कारगर साबित होंगे।PM Narendra Modi