सांप के काटने से नहीं होती पूरी मौत,अलग ढंग से किया जाता है अंतिम संस्कार
सांप के काटने से मत्यु होने पर, मृतक के शरीर को न तो जलाया जाता है। और न ही दफनाया जाता है। बल्कि अनोखे तरीके से किया जाता है अंतिम संस्कार

सांप के काटने पर इस तरह किया जाता है अंतिम संस्कार
सांप के काटने से मत्यु होने पर मृतक के शरीर को न तो जलाया जाता है और न ही दफनाया जाता है, बल्कि उसका अंतिम संस्कार अनोखे तरीके से किया जाता है। आमतौर छोटे बच्चे की अकाल मृत्यु हो जाए तो उसे दफनाने की परंपरा है, लेकिन ऐसी भी मान्यता है कि सांप के काटने पर बच्चे को नदी में बहा दिया जाता है। देश में आज भी ऐसे कई स्थान हैं, जहां इस परंपरा का चलन है।
सांप के काटने नहीं होती पूरी मौत
इसे लेकर माना जाता है कि सांप के काटने से व्यक्ति की पूरी तरह मृत्यु नहीं होती साथ यह भी कहा जाता कि पानी के संपर्क में आने पर सांप का जहर उतर जाता है और मृतक व्यक्ति के जीवित होने की संभावना बढ़ जाती है हालांकि ऐसा कम ही देखने मिलता है। कई बंजारा और ग्रामीण परिवारों में सांप के काटने पर मंत्रों से जहर उतारने का भी चलन रहा है, लेकिन विशेषज्ञ ऐसे मामलों में डॉक्टर्स के पास जाने की ही सलाह देते हैं क्योंकि ये मान्यताएं पुरातन काल में थीं, जब जड़ी बूंटियों का का प्रयोग अधिक किया जाता था। किंतु अब परिस्थितियां विपरीत हैं।
