अनोखा मंदिर: कृष्ण और कुब्जा के दर्शन से दूर होंगी सारी बीमारी
मथुरा के परिक्रमा मार्ग में स्थित दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर

मथुरा। शहर के परिक्रमा मार्ग में स्थित दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहाँ पर कृष्ण जी की मूर्ति राधा रानी के साथ नहीं बल्कि कुब्जा के साथ स्थित है और श्री कृष्ण के साथ भक्त कुब्जा की पूजा करते हैं। श्री कृष्ण कुब्जा भाव मंदिर ऐसा ही अनोखा मंदिर है। कुब्जा जो कंस की नौकरानी थी और शारीरिक रूप से बहुत कुरूप थी। इसलिए मथुरा के सभी लोग कुब्जा का मजाक उड़ाते थे और उसको नीचा दिखाते थे। जब कृष्ण जी मथुरा पहुँचे और कुब्जा को देखा, तो वह कंस के लिए चंदन घिस रही थी। उसी समय कृष्ण कुब्जा के पास गए और सुंदरी—सुंदरी कह कर छेड़ने लगे।

कुब्जा को लगा कि कृष्ण जी भी उसका मजाक उड़ा रहे हैं, पहले तो वह क्रोधित हुई, फिर दुखी होकर खूब रोने लगी। तभी कृष्ण जी ने अपना एक पैर उसके पैर पर रखा और उसके सिर को धीरे—धीरे ऊपर उठाने लगे। देखते ही देखते कुबड़ी कुब्जा जो झुककर चलती थी, सीधी हो गई। मथुरा के लोग हैरान हो गए कि अचानक कुब्जा सचमुच में एक बहुत ही सुंदर महिला बन गई। कालांतर में इसी स्थान पर मंदिर बनाया गया और श्री कृष्ण के साथ कुब्जा की मूर्ति स्थापित की गई। ऐसी मान्यता है कि कोई भी व्यक्ति जो किसी शारीरिक विसंगति से या त्वचा की किसी बीमारी से जूझ रहा है यदि वह मथुरा आकर इस मंदिर में पूरे श्राद्धा भाव से दर्शन करता है, तो भगवान कृष्ण उसकी परेशानी अवश्य ही ठीक करते हैं।